डॉ बलदेव प्रसाद मिश्र की १२५ जयंती संपन्न
रायपुर, १२ सितंबर, २०२३
डॉ बलदेव प्रसाद मिश्र की जयंती पर रायपुर कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज द्वारा कान्यकुब्ज ब्राह्मण सभाकक्ष में व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न विद्वानों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का सफल संचालन किया सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री अजय अवस्थी किरण ने।
वक्ता अतिथि – डॉ किशोर अग्रवाल आई पी एस पूर्व डीआईजी
श्री आशीष कुमार सिंह वरिष्ठ पत्रकार
नर्मदा प्रसाद मिश्र नरम
श्री भरत मिश्र
उपस्थित – श्री अरुण शुक्ल अध्यक्ष कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज
श्री सुरेश कुमार मिश्र सचिव के अतिरिक्त सर्व श्री प्रकाश अवस्थी, रज्जन अग्निहोत्री, राघवेन्द्र मिश्र, जगदीश दुबे, दीक्षित डिप्टी कलेक्टर, श्रीमती डॉ मीनाक्षी बाजपेई,सीमा मिश्रा आदि भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
स्मरणात्मक तथ्य
डॉ बलदेव प्रसाद मिश्र
जन्मतिथि -१२ सितंबर सन् १८९८
महाप्रयाण -०४ सितंबर सन् १९७५
पिता का नाम -पं.नारायण प्रसाद मिश्र
माता का नाम -श्रीमती जानकी देवी
जन्मस्थली -सदर बाजार, राजनांदगांव
पत्नी का नाम -श्रीमती राम प्यारी देवी
शिक्षा -एम.ए.दर्शनशास्त्र , एल.एल.बी .,डी.लिट.
डी.लिट.के परीक्षक -आचार्य रामचंद्र शुक्ल एवं आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
प्रकाशित रचनाएं –
(१) महाकाव्य -कौशल किशोर, साकेत संत, रामराज्य
(२)तुलसी दर्शन (शोधप्रबंध)
राम कथात्मक ग्रंथ -१८ प्रकाशित
रामकथेत्तर साहित्य -(३२)
नाटक –
शंकर दिग्विजय,असत्य संकल्प,वासना वैभव, समाज सेवक, मृणालिनी परिणय आदि।
स्फुट साहित्य –
मादक प्याला,काव्यकलाप,काव्य कल्लोल,कथा संग्रह,उमर खैयाम की रुसवाइयां ,नरेश शतक आदि।
साहित्यकारों की दृष्टि में डॉ बलदेव प्रसाद मिश्र एवं उनका साहित्य
आचार्य श्री राम चन्द्र शुक्ल -“तुलसी दर्शन ” में मिश्र जी ने बड़ी पूर्णता और व्यवस्था के साथ विषय का प्रतिपादन किया है। उन्होंने वैदिक, पौराणिक और भक्ति साहित्य के विशाल भंडार संकलित करके बड़े विवेक के साथ उसका उपयोग किया है।उनका शोधप्रबंध महान अध्यवसाय और व्यापक अध्ययन का परिणाम है।”
राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद – “रामायण तो हमारे जन-मानस की माधुरी है ही और ग्राम्य जीवन तक में वह रमी हुई है।उतनी ही सरलता के साथ उसके मौलिक रूप को श्री मिश्र जी ने अपने गहरे चिंतन और अध्ययन से और सुंदर बनाया है।”
डॉ भगीरथ मिश्र -“डॉ बलदेव मिश्र की साहित्य, संस्कृति एवं समाज की एक साथ सेवा अप्रतिम है।उनका साहित्य वैचारिक मौलिकता,उदात्त कल्पना और गहरी भावुकता से परिपूर्ण है “
डॉ प्रभु दयाल अग्निहोत्री -“डॉ बलदेव प्रसाद मिश्र का साहित्य विविध एवं विपुल है।साथ ही उसमें इतनी बौद्धिक एवं कलात्मक जागरुकता है कि नवीन से नवीन मूल्यांकन भी उसकी महत्ता स्वीकार किये बिना नहीं रह सकता।”
डॉ.बलदेव प्रसाद मिश्र बहुआयामी प्रतिभा संपन्न सारस्वत साधक थे। जहां एक ओर वे भारतीय संस्कृति के व्याख्याकार थे, वहीं दूसरी ओर वे श्री रामकथा के अध्येता, महाकवि, निबंधकार, नाटककार,दर्शन शास्त्री , संवेदनशील प्रशासक, उत्कृष्ट न्यायाधीश, शिक्षाविद और कानून वेत्ता के साथ -साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। उन्होंने लगभग इक्यासी ग्रंथों का प्रणयन कर हिन्दी साहित्य के कोष को भरने का प्रणम्य कार्य किया है।”। —– नर्मदा प्रसाद मिश्र नरम
डॉ बलदेव प्रसाद मिश्र जी पर प्रकाशित ग्रंथ –
(१) डॉ बलदेव प्रसाद मिश्र – लेखिका डॉ आभा तिवारी
(२) मेरे उर में आनंद निर्झरी झरती है – डॉ आभा तिवारी