नन्ही कलम से – लंगूर और बदूर
एक लंगूर को बहुत जोर से भूख लगी थी । वह खाने की तलाश में घूम रहा था कि अचानक उसकी नज़र पेड़ पर लगे आम पर पड़ी । आम बड़ा था । लंगूर ने सोचा इससे उसकी भूख मिट जाएगी । वह आम तोड़ने जैसे ही पेड़ पर चढ़ा बदूर वहाॅ पहुॅच गया और जोर से बोला ” भाग यहाॅ से । इस पेड़ पर मेरा अधिकार है । यह आम मेरा है ।”
लंगूर डर कर वहाॅ से भाग गया ,पर बाद में उसने सोचा कि बदूर को मज़ा चखाना चाहिए । वह घर वापस आया उसने यहाॅ से एक डब्बा , थोड़े से बम और बलून लिए । बम उसने डब्बे में रख दिए और सारे बलून फुलाने के बाद उसी आम के पेड़ के पास वापस आया ।
अब उसने बलून फोड़ने शुरू किए और बमों में आग लगा कर डब्बा बंद कर दिया । थोड़ी देर बाद बमों के फटने का शोर शुरू हुआ ।
बदूर बेचारा बलून की आवाज़ से वैसे ही घबराया हुआ था , फटाखों की आवाज़ से और डर गया । वह वहाॅ से भाग खड़ा हुआ । लंगूर ने पेड़ पर चढ़ कर मजे से आम खाया और मुस्कुराते हुए चला गया ।
By: Abhyuday Tiwari
Class – II
कहानी बहुत अच्छी और प्रेरणास्पद है । नन्हा लेखक बधाई का पात्र है ।
धन्यवाद
नन्ही कलम से के नन्हे लेखक को बधाई l
इसी तरह और रोचक कहानियां लिखते रहो…