बहुत वक्त हो गया है
तैयार तो खुद को रोज करती हूं मैं
खुद को खूबसूरत देखे काफी वक्त हो गया है
एक एहसास है जो बहुत कमजोर बना गया है मुझे
कहते हैं, सूखे हुए दरखृत पर पत्तियों से आया है कोई
खुद से ही झूठ बोलने लगी हूं मैं
कि दिल थोड़ी देर ही सही मुस्कुराता जरूर है
जाने क्या चाहिए मुझे जिंदगी से
जो सीधी कभी चलती ही नहीं
बड़ा बे सुकून सा है उस रास्ते का सफर
उस दुनिया का, जहां तुम मेरे हो
By… SAANJH
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